ब्लैकमेल करके जबरदस्ती चोदा मुझे

आप सभी ने मेरी पिछली कहानी होली में सामूहिक चुदाई हुई मेरी को बहुत सराहा, उसके लिए आपका दिल से आभार। मुझे मेल पर काफी प्रतिक्रियाएं आई जिसमे काफी पाठको ने मेरा फिगर जानना चाहा और मेने वादा किया था की अगली कहानी में जरूर बताऊंगी। Kamuk Aurat Sambhog

मेरा कद 5 ’6″ है, रंग गोरा, फिगर 34_31_32 हैं। मैं राजस्थानी होने के करना घर में और बाहर साड़ी पहनती हूं और सिंदूर मंगलसूत्र सदेव लगा कर रखती हूं। मुझे काफी लोग सराहते है और मुझसे दोस्ती करने की मंशा रखते हैं। आज मैं आपको मेरी और मेरे ब्वॉयफ्रेंड के दोस्त निलेश की एक और आपबीती बताने जा रही हूं।

होली के इंसीडेंट के बाद मैने काफी दिनों तक दोनो को सभी जगह से ब्लॉक किया हुआ था। फिर एक महीने पहले फेसबुक मैसेंजर पे एक अज्ञात मैसेज रिक्वेस्ट आई। मेने 4 दिन बाद वो रिक्वेस्ट देखी और रिक्वेस्ट स्वीकार करके मेसेज पढ़ा तो में घबरा गई।

उसमे मेरे और अमित के स्विमिंग पूल में होली खेलते हुए फोटो थे। मेने जब उससे जानना चाहा तो पता चला वो निलेश है जिसने होली पे मुझसे जबरदस्ती संबंध बनाया था। निलेश ने मैसेज में कहा “रीना भाभी एक बार मुझसे मिलो नही तो वो फोटो फेसबुक पे अपलोड कर देगा.”

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दो दिन तक मेने काफी सोचने के बाद उससे मिलने के लिऐ हां कर दी। अगले दिन निलेश का मैसेज आया और मुझे अच्छे से तैयार होकर उदयपुर के साइलेंस रिजॉर्ट में आने के लिए कहा। मैं समझ गई थी निलेश की मंशा परंतु मेरे पास कोई चारा नहीं था।

मैने निलेश के अनुसार मेने पीच रंग की प्लेन साड़ी, मैचिंग गहरे गले का ब्लाउज और वेलवेट का पेटीकोट पहना। गले में लंबा मंगलसूत्र, मांग भरी, आंखों में काजल और फेसपैक लगाया। हल्का परफ्यूम और हाई हील के स्कैंडल्स पहने अपनी स्कूटी लेके दिन में 1 बजे रिजॉर्ट पहुंची।


वहा निलेश ने मैसेज किया कि में रूम नंबर 302 में आजाऊ। मैं अंदर से बहुत डरी और गबराई हुई थी। हिम्मत करके मैं रूम के बाहर आई और बेल बजाई। निलेश ने दरवाजा खोला और मुझे एक टक देखता रहा। में शर्मा रही थीं। उसने मुझे अन्दर बुलाया और सोफे पर बैठने को बोला।

मेने पूछा तुमने पिक्स क्यों लिए और यह बुलाने का क्या कारण है। निलेश बोला “भाभी आपसे मिलने को तड़प रहा था। होली के बाद मुझसे रहा नही जा रहा था। इसीलिए आपको ऐसे बुलाना पडा। और भाभी आज तो आपके इस लुक ने मुझे और पागल कर दिया है।” ऐसा बोलकर वो मेरे पास आया और मुझे बांहों में जकड़ लिया।

मेने धक्का देकर उसे दूर किया और बोली “निलेश होली पे जो हुआ वो गलत था। अब बस ये बार बार नही हो सकता तुम मुझे कॉन्टैक्ट करना बंद करो”. में जैसे ही बाहर जाने को हुई निलेश ने मुझे पीछे से झकड़ लिया और बाहों में उठा कर बेड पे गिरा दिया| ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

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वो बोला “भाभी जी नखरे मत दिखाओ वरना जैसा होली पे हुआ दुबारा वैसे ही करना पड़ेगा।” में संभल गई और बोली “निलेश ये जबरदस्ती गलत हैं।” फिर निलेश ने मुझे प्यार से सहलाया और बोला “भाभी आपका और मेरा रिलेशन सीक्रेट रहेगा आप विश्वास कीजिए”। और निलेश ने मुझे टाइट हग किया।

में अंदर तक सिहर गई। निलेश मेरे गले में खुशबू लेने लगा और मेरे परफ्यूम से वो और कामुक हो रहा था। उसकी गरम सांसे मेरे गले में करंट पैदा कर रही थी और मुझे कुछ कुछ हो रहा था। निलेश ने अपने होठ मेरे होठों से मिला दिए और एक हाथ से में कमर पकड़ ली।

वो अपने होटों से मेरे गरम होठों को चूम रहा था। उमुम्हमाआ। में भी उसका साथ दे रही थी। निलेश अब मेरे मुख को चूम रहा था। पप्पियो की बौछार मेरे गालों पे, माथे पे करने लगा। मुझे काफी सुकून मिल।रहा था। और मेरी कमर को वो बड़े प्यार से सहला रहा था।

उसने मेरे पल्लू को सीने से हटाया और मेरे ब्लाउज के उपर वाला भाग चूमने और चाटने लगा। इसके चुम्बन से अलग ही एनर्जी मिल रही थी। निलेश मेरे कंधो और गले में चूमने और चाटने लगा और में आंखे मूंद कर इसका आनंद लेने लगी।

निलेश ने मुझे खड़ा किया और साड़ी का पल्लू पकड़ कर मुझे गोल गोल गुमाने लगा। और मेरी पीच कलर की साड़ी खोल के मुझे अपनी बाहों में ले लिया और कस के अपनी बाहों में झकड लिया।मुझे काफी सुकून मिला। अब मुझे बेड पे लिटा कर वो मुझे पागलों की तरह चूमने व चाटने लगा। उफ्फ एक अलग सी आग थी उसमें. “Kamuk Aurat Sambhog”

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निलेश मुझे उल्टा लेटा गया और पीछे से मेरी ब्लाउज के गले में हाथ फिराने लगा। वो स्पर्श किसी भी औरत को पागल करने के लिए काफी था। पीछे से वो मेरे कानों को चाट रहा था और कानो के नीचे चूस रहा था। में पागल हो रही थी और एक मछली की तरह मचल रही थी।

उसने मेरा ब्लाउज उतार दिया और में उपर से नग्न हो गई। मुझे वो पीठ में ही चूम व चाट रहा था। उफ्फ मेरी उत्तेजना को पूरी हवा मिल चुकी थी। उसने मुझे सीधा किया और 34 के स्तनों को मुंह में लेकर चूसने लगा। मेरी आग धधक रही थी। मेरी तेज सांसों से मेरे स्तन भी उपर नीचे हो रहे थे।

सीधा करते ही मेरे चूचे निलेश के मुंह में आगया और वो उन्हे चूसने लगा।। और एक हाथ से दूसरा सामने लगा। मेने उसका सिर पकड़ के चूची में दबा दिया और बोली “पी ले निलेश सारा पी ले आज बस तू मेरी आग शांत कर दे।”

मेरे चूचे चूस चूस कर लाल कर दिए कामिने ने। उसने मेरी पेटीकोट में हाथ डाल कर मेरी चिकनी लेग्स व झांगे सहलाने लगा। आआआह्ह क्या अनुभव था।अब वो नीचे आगे और अपना सिर सीधा मेरे पेटीकोट में डाल दिया और अंदर से झांगो को चूमने और काटने लगा।

में तड़प से आह की आवाजे करने लगी। अंदर से उसने मेरी कच्छी को चूमने लगा और कच्छी के उपर वाले भाग में चाटने लगा।। मेरे चीटिया रेंग रही थी। मेने उसके कपड़े उतार के पूरा नंगा कर दिया और उसके छाती पे चूमने व काटने लगी। उसके निपल्स चूस रही थी ,चूस चूस के उसके निप्पल कड़क हो गए। “Kamuk Aurat Sambhog”

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वो बोला “भाभी उफ्फ आपके जैसा प्यार कोई नहीं कर सकता। आपका चूसना और काटना उफ्फ”

मेने उसका लोअर उतार दिया और फन फनाता हुआ 6 इंच का नाग मेरे सामने था। देखते ही उसे मेने अपने मुंह में ले लिया और उसे जोर जोर से चूसने लगी।। उफ्फ वो और में दोनो पागल हुए झा रहे थे। निलेश ने पेटीकोट का नाड़ा खींच कर गिरा दिया। बोला उफ्फ भाभी I love you। और तुरंत मेरी कच्छी भी उतार दी।

अब हम 69 में आकर क्रीड़ा करने लगे। उसका लिंग मेरे मुंह में और मेरी योनि उसके मेरे मुंह से सती हुई। में एक बार उसके मुंह में झड़ गई थी। अब निलेश मेरे ऊपर आगया और मेरी पैरों के उंगलियों को चूसने लगा। उफ्फ अंदर तक तड़प गई में।

मेने कहा अब भाभी को और मत तड़पाओ बुझा दो अपनी और मेरी प्यास। उसने मेरे पैर अपने कंधे पे लिए और लिंग पे थूक लगाया। और लंड का टोपा मेरी चूत में रगड़ने लगा। और एक झोर से झटके से अपना लिंग मेरी कसी हुई चूत में उतर दिए। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

मैंने बेडशीट को दोनो हाथो से भींच लिया और दर्द से चीखने लगी। निलेश निकालो इसे मुझे दर्द हो रहा हे। निलेश मेरे उपर लेट गया और लिंग बाहर निकाला। और एक और झटका मार कर पूरा लिंग उतार दिया। और मुझे चोदने लगा।

वह झटके दे रहा था लिंग को अंदर बाहर कर रहा था और में बेड पे उछल कर संभोग कर रही थी। पूरे कमरे में पच पच की आवाज आराही थी। मेरे पैरों की पायल की छन छन और चुड़ियो की खन खन माहोल को और गरम कर रही थी। मेरे बाल बिखर रहे थे और लिपस्टिक चुम्बन से बिगड़ गई थी।

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होठों को चूमते हुए में चुड़ाई कर रही थी। 15 मिनट तक वो मुझे चोदता रहा और फिर मेरे पैरों को बेड पे लेके मेरे उपर गोरा और मुझे फिर से चोदने लगा। 20 मिन बाद वो झड़ने लगा और अपना सारा माल मेरी योनि में गिरा कर मुझे तृप्त कर दिया। इस दौरान में तकरीबन 3 बार झड़ी।

फिर मुझे वह गोद में उठा कर बाथरूम ले गया वहा हम दोनो ने लिपट कर स्नान किया। और फिर में उस चूम कर कपड़े पहन कर अपने घर आ गई दोस्तो आपको मेरी कहानी कैसी लगी जरूर बताइएगा [email protected]

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पहली बार मौसा जी से गांड चुदवाई

Xxx गांड फक कहानी में मुझे शुरू से ही गांड मरवाने का शौक लग गया था. लेकिन मैं किसी मोटे लम्बे लंड की तलाश में था. एक बार मैं मौसी के घर गया तो मैंने मौसा को मौसी की चुदाई करते देखा.

दोस्तो, मेरा नाम नकुल है. मैं एक गे हूँ और मुझे अलग अलग आकार के लंड अपनी गांड में लेना बहुत पसंद है.
मैंने आज तक अनेकों बार गांड चुदवाई है, पर बड़े लंड से मेरी पहली गांड चुदाई बहुत ही खास थी.

आज मैं आपको बड़े लंड से पहली बार गांड चुदवाने वाली रसीली गे सेक्स कहानी सुना रहा हूँ.
मैंने अपनी किशोरावस्था में ही अपने स्कूल में पढ़ने वाले बड़ी क्लास के लड़कों से गांड चुदवा ली थी.

जब पहली बार गांड में लंड गया था तब दर्द तो हुआ था मगर मजा भी बहुत आया था.

लोग कहते हैं कि गांड मारना या मरवाना आसान नहीं होता है.
यह बात पूरी तरह से सच नहीं है.

दरअसल ऊपर वाले ने मेरे जैसे कुछ ऐसे जीव भी बनाए हैं जो गांड मरवाने के शौकीन होते हैं.

मुझे Xxx गांड फक कहानी में यह बात लिखने में कोई गुरेज नहीं है कि गे सेक्स को पसंद करने वाले बॉटम यानि गांड मरवाने वाले लोगों की गांड कुछ अधिक लचीली होती है, जो प्राकृतिक रूप से ही होती है.

इसी खास बात के चलते मुझे लंड लेने में दर्द कम होता है, मजा ज्यादा आता है.

छोटी उम्र से ही लंड लेने में महारत हासिल कर लेने के बाद मैं अक्सर सोचता रहता था कि मुझे मोटा और बड़ा लंड मिल जाए ताकि मेरी गांड की गर्मी सही से ठंडी हो सके.

मैं अक्सर उन जगहों पर मोटा और बड़ा लंड ढूँढता रहता था, जहां दीवार के पास खड़े होकर लोग मूतते थे.
पब्लिक टॉइलेट में भी मैं तांका झांकी करता रहता था.

पर जितने भी बड़े लंड देखने को मिलते थे, वे सब उम्रदराज लोगों के लंड होते थे.
उन्हें देख कर मुझे लगता था कि लंबी रेस के घोड़े नहीं हो सकते हैं.

अपनी इसी सोच के चलते मुझे अब उन लोगों के लंड देखने में मजा आने लगा था जिनके शरीर हष्ट पुष्ट होते थे.

फिर एक दिन मेरी मुराद पूरी हो ही गई, तब मैं सिर्फ 19 साल का था.
मुझे मेरे 26 साल के नौजवान, गर्म और सेक्सी मौसा जी का लंड मुझे देखने मिल गया.

उनका लंड बहुत बड़ा था जिसे मैंने अपनी गांड में लेकर जन्नत का अहसास किया.

यह बात गर्मी की छुट्टियों की है.
उस वक्त मैं अपनी मौसी के यहां गया था.

मेरे मौसा जी एक माने हुए बॉडी बिल्डर हैं.
वे करीब 6 फुट 2 इंच के हैं और उनकी बॉडी मुझे उनकी तरफ खींच रही थी.

मौसा जी को देख कर मेरी अन्दर की लहरें हिलोरें लेने लगीं.

अब मैं मौसा जी के लंड को देखने के लिए लालायित रहने लगा.

एक रात को मैंने उन्हें मौसी के ऊपर चढ़े हुए देख लिया था.
मौसी की चूत में घुसता हुआ उनका लंड किसी गधे के लंड से कम नहीं था.

मौसी जी ने उनसे चुदने में रो पड़ी थी और वे हाथ जोड़ कर कहने लगी थीं- एक दिन तुम मुझे मार ही डालोगे … प्लीज तुम अपने लिए किसी रांड को ढूंढ लो.

मौसा जी हंसने लगे और अंततः मौसी ने मौसा जी के लंड को चूस कर ही उन्हें ठंडा किया था.
मतलब वे अपनी चूत से मौसा के लंड को ठंडा नहीं कर पाई थीं.

अब मुझे समझ आ गया था कि मौसा जी का लंड ही वह लंड है, जो मेरी गांड को पुरसुकून दे सकता है.

मैं उनके सामने अधिक से अधिक रहने की कोशिश करने लगा कि किसी तरह से मैं मौसा जी को अपनी गांड के छेदे की तरफ आकर्षित कर सकूँ.

कुछ दिन बाद मौसी जी एक रिश्तेदार के यहां की शादी थी, वे उनके घर कुछ दिन पहले ही चली गईं.

अब घर पर मैं और मौसा जी अकेले रह गए थे.
उस दिन मैं सोच रहा था कि शायद आज मुझे मेरा सबसे प्यारा लंड मिल जाएगा.

सच में वह दिन मेरा सबसे खास दिन था.
मेरी चिकनी गर्म गांड उनका बड़ा सा लंड लेने के लिए बेताब थी.

जब रात हो गई तो मौसा जी अपने कमरे में चले गए और मैं अपने कमरे में आ गया.

कुछ देर बाद मौसा जी ने मुझे आवाज लगाई कि खाना खा लो.
जब मैं बाहर आया तो मैं मौसा जी को देख कर हैरान रह गया.

मौसा जी सिर्फ एक अंडरवियर में थे.
उनके अंडरवियर में से उनका मोटा लंड साफ साफ दिख रहा था.

उनका मोटा लंड देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया और मेरी गांड फुदकने लगी.
मैं मौसा जी के पास आ गया.

हम दोनों ने खाना खाया.
खाना खाते समय मेरी नजर सिर्फ मौसा के लंड पर ही टिकी थी.
मेरी मखमली गांड बस मौसा जी के लंड को लेने के लिए तरस रही थी.

हम दोनों ने खाना खा लिया और अपने अपने कमरे में चले गए.
मेरी आंखों में तो बस मौसा जी का लंड ही बस गया था.
यही लग रहा था कि कैसे भी करके यह लंड चूसने को मिल जाए और मेरी गांड फाड़ कर रख दे तो मजा ही आ जाएगा.

शायद ऊपर वाला भी मेरी इस इच्छा को आज ही पूरी करने जा रहा था.

तकरीबन रात के 11:30 बजे का समय था, मुझे प्यास लगी थी.
मैं उठ कर पानी लेने गया.

मैं मौसा जी के कमरे के बाजू से जा रहा था.
तो मैंने अन्दर झांक कर देखा कि मौसा जी पूरे नंगे होकर लेटे थे और लैपटॉप चला रहे थे.
उनका एक हाथ अपने लंड पर था.

शायद वे लैपटॉप में पोर्न देख रहे थे.
उनका बहुत लंबा और मोटा लंड था.
उसे एकदम टनटनाता हुआ देख कर मेरी गांड मचलने लगी कि कैसे भी करके आज उनका लंड मिल जाए.

मैं मौसा जी को देखता रहा था.
उसी वक्त न जाने कैसे मौसा जी ने मुझे देख लिया.

मैं वहां से फटाफट हटा और जल्दी से अपने कमरे में चला गया.

मौसा जी अब अपने कमरे से निकले और मेरे पीछे पीछे आ गए.
वे नंगे ही आ गए.

मैं सकपकाया हुआ था.

मौसा जी एकदम नंगे मेरे पास आकर बैठ गए और बोले- क्या हुआ, शर्मा क्यों रहे हो? मैं तो तुम्हारी गांड कब से मारना चाह रहा था लेकिन कभी मौका ही नहीं मिला!
मैं मन ही मन बहुत खुश था कि आज मुझे मौसा जी का बड़ा लंड मिल जाएगा.

मौसा जी ने मुझे सहलाते हुए कहा- कल मैंने तुझे नहाते हुए देखा लिया था. उसी वक्त से मेरे लंड में तेरी गांड मारने की आग लगी है.
मैं थोड़ा मुस्कुरा दिया.

मौसा जी ने एकदम से मुझे अपनी गोद में उठा लिया और अपने कमरे में ले गए.

उधर ले जाकर उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे सारे कपड़े उतार दिए.

मौसा जी ने मुझे औंध कर दिया और मेरे दोनों कूल्हे फैला कर एकदम मलाई सी चिकनी गांड को चाटने लगे.

मुझे उस वक्त जन्नत की सैर होती सी महसूस हो रही थी.

कुछ देर बाद उन्होंने मुझे पलट दिया और लंड सहलाने लगे.
मैं मौसा जी के हैवी लंड को निहारता रहा.

उनका लौड़ा पूरा तामिलनाडु सा हुआ जा रहा था.

हम गांडू लौंडे किसी कड़क और बड़े लंड को जब फनफनाता देखते हैं, तो उसे तामिलनाडु सा कह देते हैं.
तो मौसा जी कर तामिलनाडु ब्रांड का हथियार देख मेरा मन मचलने लगा.

मुझे उनका लंड पहले अपने मुँह में लेने की लालसा बढ़ती जा रही थी.

मैंने मौसा जी का लंड पकड़ा और चूसने लगा.
उनका मोटा लंड मेरे मुँह में पूरा आ ही नहीं रहा था. उनका गुलाबी टोपा मुझे बहुत मस्त स्वाद दे रहा था.

मौसा जी को भी लंड चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था. वे तो बस अपनी कमर पर दोनों हाथ रख कर मेरे मुँह में लंड पेल रहे थे.
उनकी ‘आह … उर्फ … उम्म’ की आवाज मुझे प्रोत्साहित कर रही थी.

कुछ मिनट तक मैंने उनका लंड पूरी शिद्दत से चूसा.

अब मैंने मौसा जी से बिना शर्माये बोल दिया- बस अब और मत तड़फाओ मौसा जी … अपने इस मूसल से मेरी गांड को चिथड़े चिथड़े कर दो.

मौसा जी बोले- तू मेरा लंड झेल पाएगा?
मैं भी घबरा रहा था क्योंकि इतना बाद मूसल छाप लंड लेने का यह मेरा पहला मौका था.

लेकिन मैं खुश था कि मुझे बड़ा लंड मिलने वाला है.

मैंने कहा- मौसा जी, अब जो होगा सो देखा जाएगा. बस आप तो आज मेरी गांड फाड़ दो.

मेरे इतना बोलते ही मौसा जी ने मुझे उल्टा कर दिया और पेट के नीचे दो तकिया लगा कर मेरी गांड को ऊंचा कर लिया.
मेरा सर बेड पर था और गांड ऊंची थी.

मौसा जी ने अब मेरी गांड पर तेल लगाया और अपने लंड पर भी मला.
फिर मेरी गांड की दरार पर लंड का सुपारा फेरने लगे.

मेरी गांड उनका लंड जल्दी से अन्दर लेने को मचल रही थी.
मैंने कहा- मौसा जी बस … अब डालो न गांड में!

मौसा जी ने अपना लंड मेरी गांड के छेद पर सैट किया और एक जोर का झटका लगा दिया.

उनका लंड मेरी गांड में किसी लोहे के गर्म कीला की तरह घुस गया.

उतने में ही मेरी आंखें बाहर आ गईं.
जबकि अभी तक तो सिर्फ उनका टोपा ही गांड में घुस पाया था.

मेरी आंखों में पानी आ गया.
मैंने दर्द से कलपते हुए कहा- मौसा जी बाहर निकाल लीजिए … बड़ा दर्द हो रहा है.

मौसा कुछ नहीं बोले, उन्होंने एक झटका और दे दिया.
इस बार आधा से ज्यादा लंड अन्दर चला गया.

दर्द के मारे मेरी चीखें कमरे को गुंजायमान कर रही थीं ‘आह्ह्ह … उर्फ … आहहह … फट गई.’

यहां एक बात समझने की है कि जिस तरह से औरत को अपनी चूत में मोटा लंड लेने से दर्द होता है लेकिन उसे मजा भी आता है कि इतना मोटा लंड चूत फाड़ रहा है.
ठीक उसी तरह मुझे भी दर्द के साथ साथ मीठा मजा आ रहा था.

मौसा जी ने अब तीसरे झटके में पूरा लंड गांड की जड़ तक ठेल दिया और मेरे सर के बालों को पकड़ कर मेरी गांड मारने लगे.
उनके मोटे लंड ने मेरी गांड के चिथड़े चिथड़े कर दिए.

मैं चिल्लाता रहा और मौसा जी मेरे लेते रहे.

कुछ ही देर बाद आनन्द का सागर उफान मारने लगा था.
आज मौसा जी के मूसल लंड से चुदने का मेरा सपना पूरा हो गया था.

मौसा जी ने तकरीबन 15 मिनट तक मेरी धुआंधार चुदाई की.
फिर उन्होंने अपना माल मेरी गांड में ही निकाल दिया.

मुझे उस दिन अपने मौसा जी से गांड चुदवा कर बहुत ही ज्यादा मजा आया.

जब मौसा जी का लंड मेरी गांड से बाहर आ गया, तो वे मेरे ऊपर से हर कर बाजू में लेट गए और मुझे किस करने लगे.
मैं उनसे लिपट कर सो गया.

उस रात मौसा जी ने मेरी दो बार गांड मारी.
Xxx गांड फक की वह रात आज भी मुझे बहुत अच्छे से याद है.

उस दिन की मस्ती को मैं अपनी लेखनी से समझा ही नहीं सकता हूँ.

अब अक्सर ऐसा होने लगा था.

मैं जब भी मौसी के घर जाता हूं, तो मौसा जी मेरी जरूर चुदाई करते हैं.
लव यू मौसा जी.

दोस्तो, आपको मेरी पहली गांड चुदाई की Xxx गांड फक कहानी कैसी लगी, मुझे फीडबैक दें.
आपके अच्छे रिस्पांस मिलने के बाद मैं आपको अपनी अगली गे सेक्स कहानी में बताऊंगा कि मैंने अपने दोस्त से कैसे गांड चुदाई करवाई.

बड़ी बहन को पटाया और चोदा

भाई ने चोदा सगी बहन को इस कहानी में! मैं अपनी शादीशुदा बहन की चूत का मजा लेना चाहता था. लंड की जरूरत उसे भी थी क्योंकि जीजू कई कई दिन बाद घर आते थे.

 

आप सभी पाठकों का अंतर्वासना वेबसाइट पर स्वागत है.

 

मैं कोई लेखक नहीं हूं और ना ही यह कोई कहानी नहीं है.
यह मेरे जीवन में घटित एक घटना है जिसे मैं शब्दों में बयां करने की कोशिश कर रहा हूँ कि कैसे भाई ने चोदा सगी बहन को!

 

मेरा नाम निमेश (बदला हुआ) है. मैं इन्दौर का रहने वाला हूँ पर पढ़ाई के चलते दिल्ली होस्टल में रहता हूँ.
मेरी उम्र 22 साल, कद 5 फुट 6 इंच है.
मेरे परिवार में मम्मी पापा, बड़ा भाई और दो बड़ी बहन हैं.
दोनों बहनों की शादी हो गई है और बड़ा भाई पढ़ाई के सिलसिले में बाहर रहता है.

 

बड़ी बहन का नाम यशिका (बदला हुआ) है.
उसका कद 5 फुट 4 इंच और उम्र 30 वर्ष है, रंग गोरा और फिगर 34 28 34 है.
और छोटी बहन का नाम काशिका (बदला हुआ) है, कद 5 फुट 5 इंच उम्र 27 वर्ष रंग गोरा और फिगर 34-30-36 इंच है.

 

मेरी दोनों बहनें ऐसी हैं कि जिन्हें देखकर बूढ़े से बूढ़े व्यक्ति का लंड खड़ा हो जाए.

 

बात 1 साल पहले की है जब त्यौहार के चलते सब लोग घर पर इकट्ठा हुए थे.
पर बड़े जीजा जी काम के चलते और भाई अपने इंटरव्यू के चलते नहीं आ पा रहे थे.

 

सुबह की बात है, बड़ी दीदी नहा कर हॉल में तैयार होने लगी जहां पर मैं पहले से ही मौजूद था.

 

लाइट के सामने खड़े होने के कारण पेटीकोट में उसकी सफेद जांघें और टाइट गांड साफ साफ दिखाई दे रही थी.
और उनके बड़े और गोल गोल मम्मे मुझे अपनी ओर आकर्षित किए जा रहे थे.

 

इसी घटना के चलते मेरा नजरिया मेरी बहन के लिए बदल गया और मैं अपनी बहन को चोदने के बारे में सोचने लगा.
पर भाई बहन के रिश्ते की वजह से मैं कुछ भी नहीं कर सकता था.

 

फिर मैंने सोचा कि क्यों नहीं अपनी बहन को ही चुदने के लिए तैयार किया जाए!

 

तो मैंने अपनी बहन की सहेली मिताशी के नाम से एक फेक फेसबुक अकाउंट बनाया और उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी.

 

कुछ समय बाद बहन ने फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट की और मैसेज किया और कहा- मिताशी कैसी हो?
मैं (मिताशी)- बस अच्छी हूं और तुम कैसी हो और कहां हो?
मेरी बहन यशिका- बस कट रही है. अभी तो गांव में घर पर हूं.

 

मैं (मिताशी)- क्या फट रही है? किसने फाड़ दी तेरी?
यशिका- अरे फट नहीं, कट रही है. फाड़ने वाला कौन है?

 

मैं (मिताशी)- क्यों फाड़ने वाले जीजा जी कहां चले गए?
यशिका- अरे यार, वे तो काम के चलते बाहर ही रहते हैं. दो-तीन महीने में ही घर पर आना होता है.

 

मैं (मिताशी)- अरे तभी तो तुम्हारी बातों में मिठास नजर नहीं आ रही!
यशिका- अरे ऐसा कुछ नहीं है यार! वह तो बस यूं ही! और तुम अपना सुनाओ, हमारे जीजा जी कहां हैं? वे तुझे खुश रखते हैं या नहीं?

 

मैं (मिताशी)- अरे अब मुझसे भी क्या छुपाती हो. मैं तुम्हारे बचपन की सहेली हूं, तुम्हारी बातों में सेक्स की कमी अलग झलक रही है. जहाँ तक मेरी बात रही तो मेरे पति भी तो बाहर ही रहते हैं पर मैं उनकी कमी खलने नहीं देती हूँ.

 

यशिका- अरे, सेक्स नहीं, बस समय कम बिता पाते हैं. और तुम्हारे पति बाहर रहते हैं तो तुम कैसे उनकी कमी खलने नहीं देती हो!

 

मैं (मिताशी)- है एक सीक्रेट … पर एक बात पूछूं तुमसे सच-सच बताना?
बहन- हां पूछो!

 

मैं (मिताशी)- सच-सच बताओ तुम्हारा चुदने का मन नहीं करता है क्या?
यशिका- हां करता तो है पर कर भी क्या सकती हूँ?

 

मैं (मिताशी)- किसी और से चुद लो!
यशिका- कैसी बातें कर रही हो किसी और से कैसे?

 

मैं (मिताशी)- क्यों तुम्हारा पति या फिर मेरा पति 2- 3 महीने बिना किसी को चोदे रह सकते हैं क्या, तुम ही बताओ?
यशिका- हां, मर्द तो होते ही हैं कुत्ते की पूंछ … इतना समय बिना चोदे तो रह नहीं सकते!

 

मैं (मिताशी)- तो सोचो जब वे और किसी को चोद सकते हैं तो हम भी तो किसी और से चुद सकती हैं.
यशिका- हां, बात तो तुम सही कह रही हो. पर किसी और से किससे?

 

मैं (मिताशी)- किसी बाहर के लड़के को पटा लो!
यशिका- नहीं यार, उसमें पकड़े जाने और ब्लैकमेल का डर होता है.

 

मैं (मिताशी)- वह तो तुम सही कह रही हो.
यशिका- कोई और उपाय बताओ ना जिससे कि मेरी भूख शांत हो जाए!

 

मैं (मिताशी)- एक उपाय तो है जिसका उपयोग मैं खुद के लिए भी करती हूं पर तुम शायद कर नहीं पाओगी!
यशिका- बता ना यार, मैं सब करने की कोशिश करूंगी.

 

मैं (मिताशी)- लगता है चुदने की कुछ ज्यादा ही खुजली मची हुई है तेरी चूत में!
यशिका- सच बताऊं तो हां … अभी बिना चुदे रहा नहीं जाता. बता ना और यार तू क्या करती है?

 

मैं (मिताशी)- पहले एक वादा कर कि मैं जो बताऊंगी तू उसे करने की पूरी कोशिश करेगी.
यशिका- हां, बता यार … मैं हर संभव प्रयास करूंगी.

 

मैं (मिताशी)- तो सुन तू अपने भाई से चुदाई करवा ले!
यशिका- क्या बात कर रही है? तू पागल तो नहीं हो गई? भाई के साथ कोई ऐसा करता है क्या?

 

मैं (मिताशी)- मैं तो करती हूं. देख इसमें कई फायदे हैं, एक तो तेरा भाई किसी को बताएगा नहीं और ब्लैकमेल करने कभी कोई डर नहीं है और साथ ही साथ पकड़े जाने का भी नहीं. और तो और … वह तेरी हर बात मानेगा.
यशिका- हां बात तो तेरी सही है. पर भाई के साथ? तू पागल है. कोई और उपाय हो तो बता.

 

मैं (मिताशी)- देख मेरे पास तो यही एक उपाय है जिसे मैं भी काफी समय से आजमा रही हूं. और यह सुरक्षित भी है. और रही बात तेरी ना करने की … तो तड़पती रह चुदने के लिए! देख एक तो तेरा भाई जवान भी है और वह भाई होने से पहले एक जवान लड़का है जिसकी भी कुछ जरूरतें होती हैं.

 

यशिका- हां वह तो सब ठीक है. पर भाई के साथ कैसे?
मैं (मिताशी)- देख तूने वादा किया था और अब तू अपना वादा तोड़ रही है!

 

यशिका- चल ठीक है, मैं कोशिश करके देखती हूं. और ठीक लगा तो ही करूंगी वरना नहीं! पर कैसे देखूँ कि वह भी मुझे चोदना चाहता है?
मैं (मिताशी)- अपने भाई को रिझा, उसे अपनी ओर आकर्षित कर, अपने मम्मे हिला उसके सामने और देख क्या वह भी तुझे चोदना चाहता है!

 

यशिका- अच्छा मैं प्रयास करके देखती हूं. चल ठीक है, मैं बाद में बात करती हूं.

 

फिर मैं अपने रूम में सोफे पर बैठ कर मोबाइल चलाने लगा.

 

तभी दीदी रूम में आकर झाड़ू लगाने लगी और अचानक से उनकी साड़ी नीचे फर्श पर जा गिरी जिससे उनके 34″ के दूध साफ साफ नजर आने लगे जिन्हें देख कर मैं स्तब्ध रह गया.

 

इसकी वजह से मेरा लंड खड़ा होने लगा.

 

फिर अचानक से दीदी मेरे पास आई और कहने लगी- सोफे के पीछे काफी धूल हो गई है!
और वह झुक कर पीछे धूल साफ करने लगी जिसकी वजह से उनकी चूचियां मेरे मुंह से लगने लगी.

 

मैंने कहा- क्या कर रही हो दीदी? जरा मुझे तो देखो!
तो उन्होंने कहा- रुक जा … जरा धूल साफ करने दे!

 

मैंने भी जोश में आकर उनकी दोनों चूचियां पकड़कर भींच दी.
तो उसके मुंह से आह निकल गई.

 

पर उसने कुछ नहीं कहा.
जिस्मानी गर्मी की वजह से मेरा लंड पूरा आकार ले चुका था.

 

जब दीदी जाने को हुई तो उनकी साड़ी सोफे में फंस जाने से वह अचानक से मेरी गोद में आ गिरी, जिसकी वजह से मेरा खड़ा हुआ लंड उसकी गांड की दरार फंस गया.

 

मैंने कहा- दीदी, क्या कर रही हो? मेरे ऊपर से उठो!
तो कहने लगी- बस अभी साड़ी निकाल लूं जरा!
और जोर-जोर से बैठे-बैठे गांड को मटकाने लगी.

 

जिसकी वजह से मैं वासना के रस में भीग गया.
मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुए उसकी कमर को पकड़ कर नीचे से एक जोरदार झटका दे मारा जिसकी वजह से लंड गांड से जा टकराया जिसकी वजह से उसका मुंह खुल गया और सिसकारी निकल गई.

 

पर मैंने उसे सॉरी कहा.
तो उन्होंने ‘कोई नहीं’ कहते हुए एक प्यारी सी स्माइल पास की और वहां से चली गई.

 

उसके कुछ समय बाद दीदी का मैसेज आया- यार मिताशी, मेरा छोटा भाई तो बड़ा ठरकी है. वह तो अपनी बड़ी बहन को ही चोदना चाहता है. वह तो अच्छा हुआ घर पर सब थे. नहीं तो वरना आज ही पटक कर वह मेरी चुदाई करता

 

मैं (मिताशी)- अच्छा, अब तू ही सोच ले कि तुझे भाई से चुदना है या फिर जीजा जी का इंतजार करना है.

 

दीदी- नहीं यार, अब नहीं रहा जाएगा. उसका लंड तो मेरी गांड में आज घुस ही गया था. अगर घर पर कोई नहीं होता तो शायद मैं भी खुशी खुशी चुदवा लेती. बस अब तो तू यह बता कि उससे कैसे चुदवाया जाये कि उससे कहना ना पड़े!

 

मैं (मिताशी)- जब कोई घर पर ना हो तब कुछ ऐसा करना कि वह ना चाह कर भी तुझे चोद दे और तू ना चाह कर भी चुद जाए!

 

उसके बाद मैं शाम को खाना खाकर दिन की सब बातों को याद करते करते ना जाने कब सो गया.

 

सुबह उठकर देखा तो छोटी दीदी जा चुकी थी, घर पर केवल मम्मी पापा और बड़ी दीदी ही थे.

 

उसके बाद मैं नाश्ता करके दोस्तों के साथ बाहर घूमने चला गया.
जब शाम को मैं आया तो देखा मम्मी पापा कहीं जा रहे थे.

 

मेरे पूछने पर उन्होंने बताया कि नानी की तबीयत खराब है तो उन्हीं से मिलने जा रहे हैं. जल्दी ही वापस आ जाएंगे.
और मुझे कहा कि घर पर ही दीदी के साथ रहना.

 

शाम को दीदी ने खाना बनाया और हमने साथ में खाया.

 

उसके बाद मैं टीवी देखने लगा.
तभी फेसबुक पर मैसेज आया- यार मिताशी, आज घर पर कोई नहीं है. कुछ बता जिससे कि चुदाई हो सके!

 

मैं (मिताशी)- देख चुदाई तुझे करवानी है तो तू जाने तुझे क्या करना है. बस यही कहूंगी कि मौका अच्छा है, हाथ से मत जाने देना. बेस्ट ऑफ लक!

 

कुछ समय बाद दीदी हॉल में आई और वहां पर पडे बेड पर बैठ गई और टीवी देखने लगी/

 

थोड़ी देर के बाद उसने कहा- सतीश, आज शरीर ज्यादा काम करने की वजह से कुछ ज्यादा ही दर्द कर रहा है. क्या तुम मेरे पैर दबा दोगे?

 

मैंने कहा- क्यों नहीं दीदी, आप पेट के बल लेट जाओ, मैं दबा दूंगा.

 

उसके बाद दीदी पेट के बल लेट गई और मैंने धीमे-धीमे हाथों से पैरों को दबाना चालू कर दिया और साथ ही साथ हल्के हाथों से सहलाने लगा जिसका दीदी प्रतिक्रियात्मक मजा लेने लगी.

 

कुछ समय इसी तरह चलने के बाद दीदी बोली- मैंने सुना है कि मसाज कराने से दर्द बहुत जल्दी सही हो जाता है. तेरा क्या ख्याल है?
मैं- हां सुना तो मैंने भी यही है!

 

दीदी- तो ऐसा कर मेज पर रखे हुए तेल से मालिश कर दे जरा!
मैं- ठीक है दीदी अभी करता हूं!

 

उसके बाद मैंने तुरंत पैरों तेल लगा कर हल्के हाथों से मालिश करना शुरू कर दी.
दीदी- जरा घुटनों के ऊपर भी कर देना, काफी दर्द हो रहा है.

 

उसके बाद में घुटनों के ऊपर कोमल हाथों से मालिश करने लगा जिसका दीदी बखूबी मजा उठा रही थी.

 

दीदी- अरे कहीं नाइटी तेल से खराब खराब तो नहीं हो रही है?
मैं- हां बिगड़ तो रही है थोड़ी बहुत!
दीदी- तो ऐसा कर नाइटी को निकाल दे.
मैं- क्या निकाल दूं?
दीदी- हां निकाल दे जिससे सही से मालिश हो जाए!

 

फिर मैंने नाइटी को एक झटके में निकाल दिया अब दीदी मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में लेटी हुई थी और मैं मालिश करने लगा.
तभी दीदी बोली- जरा कमर पर भी कर देना!

 

उसके बाद हल्के हाथों से कमर पर मालिश करने लगा.

 

दीदी- अरे जरा पीठ और गर्दन पर भी मालिश कर देना, बहुत दर्द हो रहा है आज पूरे शरीर में!
मैं- ठीक है दीदी, करता हूं!

 

उसके बाद मैं पीठ और गर्दन पर मालिश करने लगा.
जिससे दीदी धीमी आवाज में मदहोशी में आवाजें निकालने लगी.

 

कुछ समय इसी तरह चलने के बाद दीदी बोली– ब्रा का हुक भी खोल देना. कहीं तेल से ना खराब हो जाए!
मैंने दीदी की बात को अनसुना कर दिया.

 

तभी दीदी बोली- सुना नहीं तूने, ब्रा को निकाल दे. नहीं तो तेल से खराब हो जाएगी!
मैं- पर दीदी, इससे तो आप ऊपर से नंगी हो जाओगी?
दीदी- तो क्या हुआ … कोई देख थोड़ी रहा है यहां पर! और फिर मालिश भी अच्छे से कर सकता है तू!

 

उसके बाद मैंने दीदी की ब्रा को निकाल फेंका.
अब दीदी मेरे सामने ऊपर से पूरी तरह नंगी और नीचे सिर्फ पेंटी में लेटी हुई थी.
जिसे देखकर मैं अपना आपा खोने लगा.

 

मेरा लंड पैंट फाड़ने के लिए तैयार था जो उनकी गांड से लगातार रगड़ खा रहा था.
जिसका दीदी गांड उठा कर बखूबी मजा उठा रही थी.

 

तभी दीदी बोली- मेरा एक काम करेगा?
मैंने कहा- हां दीदी, कहो तो आप?

 

दीदी- मेरे चूतड़ों की मालिश कर देगा क्या प्लीज?
मैं- क्या चूतादों की? पर मैं कैसे कर सकता हूं?

 

दीदी- जैसे अभी कर रहा है. बहुत दर्द हो रहा है पिछवाड़े में! कर दे ना प्लीज अब तो बस यही दर्द रह गया है!
मैं- ठीक है दीदी अभी कर देता हूं.

 

तभी दीदी ने अपनी पेंटी को भी निकाल दिया और पैरों को फैलाकर आंखें बंद करके लेट गई.

 

मैंने भी समय के मिजाज को देखते हुए अपने सारे कपड़े निकाल दिये और नंगा होकर मालिश करने लगा.

 

मेरे सामने दीदी की गोरी चूत खुलकर सामने थी.
चूत रस से अभी तक पूरी भीग चुकी थी जो मुझे अपनी ओर चाटने के लिए लालायित कर कर रही थी.

 

पर मैंने अपने आप को संभाला और गांड पर मालिश करना जारी रखा.

 

अब दीदी पूरी तरह गर्म हो चुकी थी, मुंह से ‘आह आह … उई माँ’ की आवाजें निकालने लगी.
मैंने पूछा- क्या हुआ दीदी?
तो बोली- कुछ नहीं, दर्द काफी है ना … इसलिए थोड़ा आराम मिला है!

 

कुछ समय तक यूं ही दीदी की गांड को टटोलने के बाद मैंने अपनी एक उंगली चूत में डाल दी जिससे दीदी की आह निकल गई.
पर उसने कुछ नहीं कहा.

 

अब हम दोनों के लिए अपने आप को संभाल पाना मुश्किल था.
मैंने उंगली को चूत के अंदर बाहर करना चालू कर दिया जिससे दीदी मजे के सातवें आसमान पर सवार होने लगी.

 

अब मैंने अपनी दो उंगली चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा.

 

कुछ समय बाद मैंने जीभ चूत में डाल दी जिससे दीदी सिसकारने लगी और कहने लगी- उई मां मर गई!
और अपने हाथ से पकड़ कर मेरे मुंह को चूत पर दबाने लगी.

 

कुछ समय बाद दीदी ने उठकर अपने होंठ मेरे होठों पर रख दिए और चूमने लगी.
मैंने भी उनकी दोनों चूचियां को मसलते हुए होठों को चूमने लगा.

 

10 मिनट जोरदार चुसाई के बाद दीदी बोली- अब रहने दे, होठों में दर्द होने लगा है!

 

फिर दीदी बोली- अब जैसे पीछे की मालिश की थी, वैसे ही आगे की भी कर दे तो संतुष्टि मिल जाएगी!
मैंने भी कह दिया- दीदी हाथों से करूं या लंड से?

 

दीदी- पहली बात तो ये कि अब दीदी मत बोल!
मैं- तो क्या बोलूं दीदी?
दीदी- जब काम रानी वाले कर रहा है तो रानी बोल या डार्लिंग! पर दीदी ना बोल! और रही मसाज की बात, तो अब तो तू मेरा राजा है लंड से, मुंह से, हाथों से जैसे भी करना है वैसे कर … बस जल्दी से कर. अब रहा नहीं जाता मेरे राजा!

 

फिर मैं दीदी की दोनों चूचियों को एक-एक करके चूसने और काटने लगा.
उसकी चूचियां एकदम लाल हो गई.

 

दीदी- ओ मेरे राजा, अब बजा दे मेरी चूत का बाजा!
मैंने- हां डार्लिंग, अभी लो पहले मेरे लंड को चूसो!

 

तो दीदी ने चूसने से मना कर दिया.
पर मेरे ज्यादा कहने पर उसने लंड मुंह में ले लिया.

 

अब मैं पूरे जोश के साथ उसके मुंह को चोदने लगा जिससे गफ्प गफ्प की आवाज आने लगी.
लंड गले मे टकराने से उसकी सांसें थम गई और आंसू बहने लगे.

 

तो मैंने तुरंत लंड को बाहर निकाल लिया और उसकी चूत को सहलाने लग गया, चाटने और काटने लगा.
जिससे उसकी आवाजें तेज होती जा रही थी- अब घुसा दे चूत में लंड बहनचोद कुत्ता!
मैं- हां कुतिया रंडी, अभी ले …तेरी चूत का बुरा हाल ना किया तो देखना!

 

और मैं उसकी चूत को पीने लगा.

 

कुछ देर बाद मैंने लंड को सेट कर एक जोरदार झटका दे दिया जिससे आधा लंड दीदी की चूत में घुस गया.
जिससे दीदी की चीख़ निकल गयी- उईई ईई … माँ आहह हह … मार डाला बहनचोद!
मैं- क्यों, तुम तो पहले भी कई बार चुदी हो तो चिल्ला क्यों रही हो?
दीदी- बहनचोद, बहुत दिनों बाद चुद रही हूं. और तेरे जीजा का लंड काफी छोटा है!

 

मैं- अब ले कुत्तिया रंडी … चूतचोदी, बड़े लंड का मजा!
और मैंने एक और झटका चूत में दे दिया जिससे पूरा लंड घुस गया.
और वो चीखने चिल्लाने लगी.

 

मैं कुछ समय उसके ऊपर यूं ही लेटा रहा.
दीदी का दर्द कम होने के बाद मैंने लंड को धीमे धीमे चूत में चलाना शुरू कर दिया.

 

कुछ समय यूं ही चलाने के बाद मैंने झटकों को तेज कर दिया जिसका दीदी गालियां और दे दे चिल्लाकर मजा उठाने लगी.

 

दीदी- मादरचोद कुत्ता … चोद और तेज … आज अपनी बहन की चूत की प्यास बुझा दे! और तेज! भरता बना दे अपनी बहन की चूत का! ईईई ईईई … ह्म्म्म घघ् … आआह हहह् … ईईई!
कहती हुई दीदी झड़ गई.

 

जिससे मेरा लंड दीदी की चूत के रस से सन चुका था.

 

अब दीदी निढाल होकर बिस्तर पर ही लेट गई और मुझे किस करने लगी.

 

मैंने दीदी की चूचियों को सहलाने और चूसना शुरू कर दिया, साथ ही साथ दीदी की चूत में उंगली चलाना शुरू कर दिया. बाद में मुंह से चाट चाट कर चूत को साफ कर दिया.

 

अब दीदी फिर से गर्म हो चुकी थी और लंड लेने के लिए तैयार थी.

 

मैंने कहा- मेरे लंड की रानी, अब पंजाबी कुतिया बनाकर चोदूंगा तुझे!
दीदी- जैसे चोदना है वैसे चोद … मादरचोद अब जल्दी डाल लंड चूत में!

 

अब मैंने गीली चूत में लंड डाल दिया और पूरे जोश के साथ चोदने लगा.
दीदी गांड उठा उठा कर और चिल्ला चिल्ला कर चुद रही थी.

 

जोरदार और जबरदस्त 20 मिनट की जुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था.
तो मैंने दीदी से पूछा- दीदी, अपने भाई के लंड का रस को कहां पर लेना पसंद करोगी?
दीदी- डाल दे लंड रस को चूत में ही … और बुझा दे इसकी प्यास!

 

उसके बाद मैं दीदी की चूत में झड़ गया और निढाल होकर उनके ऊपर ही लेट गया.

 

कुछ समय बाद दीदी बाथरूम में गई तो मैं भी उसकी गांड के पीछे पीछे चला गया और पीछे से जाकर पकड़ लिया.

 

दीदी- अरे क्या कर रहा है तू? अब तो छोड़ दे … और कितना करेगा? मन नहीं भरा तेरा? मेरी तो चूत दर्द करने लगी है!

 

मैं- अरे आप जैसी माल को भी कहीं छोड़ा जाता है क्या? अगर तुम मेरी पत्नी होती तो दिन रात चोदता और तेरी चूत का भोसडा बना देता अभी तक तो!
दीदी- अच्छा अब बना लेना! पर अभी छोड़ दे, दर्द हो रहा है. काफी दिनों के बाद चुदी हूँ ना इसलिए!

 

मै- अरे कोई अप्सरा को छोड़ता है क्या?
कहते हुए मैंने लंड चूत में डाल दिया और खूब चोदा.

 

अगले दिन पापा मम्मी के आ जाने से पहले दीदी को दो बार और चोदा.
पर शाम को पापा मम्मी के आ जाने के कारण दीदी की फूली गांड की चुदाई और चुसाई नहीं कर पाया.

 

पर दीदी के अगली बार घर आने पर वह सपना भी पूरा हुआ.

 

अब जब भी मुझे और दीदी को मौका मिलता तो खूब चुदाई का आनंद उठाते हैं.

 

यह कहानी जिसमें भाई ने चोदा सगी बहन को अच्छी लगी होगी.
मैसेज करके बताएं.

 

 

 

 

 

 

 

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बहन चोद कर भैया से बना सैंया

पोर्न सिस्टर Xxx स्टोरी में मेरी छोटी बहन ने मेरे मोबाइल में नंगी फिल्म देख ली. वह मेरे से इस बारे में बात करने लगी. हम एक साथ बैठ कर ब्लू फ़िल्में देखने लगे.

 

दोस्तो, मैं रवि यूपी के एक छोटे से गांव में रहता हूँ.
मैंने अन्तर्वासना की बहुत सी कहानियां पढ़ी हैं, तो मैंने सोचा कि क्यों न अपनी भी सच्ची सेक्स कहानी आप सबके साथ साझा करूँ.

 

ये मेरी पहली और सच्ची पोर्न सिस्टर Xxx स्टोरी है.

 

यह बात 2014 से शुरू हुई थी.
मेरे घर में पापा-मम्मी, दादा-दादी, मैं और मेरी छोटी बहन नेहा रहते हैं.

 

पापा रेलवे में हैं, वे हमेशा बाहर ही रहते हैं.
नेहा देखने में बहुत ही आकर्षक लगती है. छोटा कद, बड़ी बड़ी चूची हैं. कमर पतली और गांड उभरी हुई है.

 

वह किसी को भी अपने हुस्न से दीवाना बना दे, ऐसी माल है.
मेरी उम्र 22 साल की है और वह अभी 19 साल की थी.
वह बहुत शरारती है.

 

उस समय मेरी एक गर्लफ्रेंड थी.
मैं उससे मैं फोन पर बात करता था.

 

मेरी बहन को उसके बारे में मालूम था तो वह बार बार मुझसे उसके बारे में पूछती थी और शरारती नजरों से देखती थी.

 

एक बार की बात है, मेरी बहन मुझसे मोबाइल मांग कर ले गई.
वह बोली- गाना सुनना है.

 

मैंने उसे अपना फोन दे दिया और भूल गया कि उसमें ब्लू फिल्में पड़ी हैं.

 

एक घंटे के बाद वह फोन देने आई और देकर जाने लगी.

 

वह दरवाजे पर जाकर रुक गई और पलट कर बोली- भैया उसमें कुछ था न!
यह कह कर वह एक कातिल सी मुस्कान देकर चली गई.

 

मैंने जल्दी से फोन खोल कर देखा और सब डिलीट कर दिया.

 

उसके बाद वह मुझको जब भी देखती, तो आंखों से आंखें मिला कर मुस्कुरा देती.

 

शुरू शुरू में तो मैं उसको देख कर नजर हटा लेता था. पर बाद में कुछ ऐसा हुआ कि मैंने भी उसकी आंखों में झांकना शुरू कर दिया.
मैंने महसूस किया कि उसकी आंखों में एक मूक आमंत्रण सा दिखता था.
उस वजह से मैं भी उसकी ओर आकर्षित होने लगा.

 

एक दो बार मैंने उसकी आंखों को देख कर इशारा भी किया तो वह मुस्कुरा दी.
मैंने उसे मोबाइल दिखाते हुए इशारा किया- फिल्म देखनी है?
वह हंस कर सर हां में हिला कर चली जाती थी.

 

कुछ दिन बाद वह फिर से फोन मांगने आई.
मैंने दे दिया.

 

वह फोन लेकर अपने रूम में चली गई.
एक घंटे के बाद आई और फोन देकर बोली- वह सब डिलीट कर दिया क्या?

 

मेरी धड़कन बढ़ गई.
मैंने कहा- हां उस वक्त देते समय भूल गया था, सॉरी!

 

वह बोली- अच्छा तो था, क्यों हटा दिया?
मैं- देखना है क्या?
नेहा- हां, लेकिन अच्छी अच्छी सी सिलेक्टेड वाली डाल दीजिए.

 

मैंने कहा- हां … लेकिन किसी को पता नहीं चलना चाहिए!
नेहा- ठीक है, नहीं चलेगा.

 

मैं- ठीक है, रात में ले लेना.
वह इठला कर मुस्कुराती हुई चली गई.

 

मैं उसके जाते समय उसकी गांड देखने लगा और उसको चोदने के बारे में सोचने लगा.
नेहा की गांड और बुर के बारे में सोच कर मैं मुठ मारने लगा.

 

उस दिन मुठ मारने में मुझे बड़ा अच्छा लगा और माल भी ज्यादा निकला.
इससे पहले इतना मजा मुझे कभी नहीं आया था.

 

मैंने अपने सात इंच के लंड को झांटों के जंगल से मुक्त किया और अच्छी सी खुशबू लगा कर लंड की मालिश करने लगा.

 

उस दिन मैंने अन्तर्वासना पर भाई बहन की चुदाई वाली दो कहानी पढ़ीं और तय कर लिया कि नेहा यदि मेरे लंड से चुदना चाहेगी तो मैं उसे निराश नहीं करूंगा.

 

कुछ देर बाद मैंने अपनी बहन की कामवासना बढ़ाने के लिए अच्छी अच्छी पोर्न वीडियो डाउनलोड करने लगा.

 

उन फिल्मों में मिया खलीफा और कुछ और दूसरी बड़े दूध वाली लड़कियों की काले लंड वाले नीग्रो के संग चुदाई की वीडियो थीं.
उनमें एक गैंगबैंग वाली फिल्म भी लोड कर दी.

 

रात के खाने खाने के बाद सब सोने चले गए.
मैं भी सोने की तैयारी करने लगा.

 

मुझे लगा वह फोन ले जाने नहीं आएगी.
मेरी आंख लगने ही वाली थी, तभी अचानक से वह आ गई और उसने मुझे हिला कर जगाया.

 

वह बोली- जल्दी से फोन दे दीजिए.
उस समय लाइट बंद थी.

 

वह मुझसे मेरा फोन लेकर तुरंत चली गई.

 

अब मेरी नींद उड़ गई थी.
मैंने सोचा थोड़ी देर इंतजार कर लेता हूँ. फोन देने आएगी, तो शायद कम बन जाएगा.
लेकिन वह फोन देने ही नहीं आई.

 

मैं सो गया.
सुबह 5 बजे वह मेरी चादर खींच कर बोली- फोन!

 

मैं उठ गया और बोला- मसाला कैसा लगा?
वह हंस कर बोली- मस्त फिल्में थीं.

 

वह जाने लगी.
मैंने कहा- दोपहर को और मस्त वाली लोड कर दूंगा.

 

वह हां में सिर हिला कर चली गई.
अब मैं उठा और फ्रेश हुआ.

 

वह चाय लेकर मुस्कुराती हुई आई और आंखों में देख कर बोली- गर्मागर्म चाय!
हम दोनों भाई बहन होते हुए भी गर्लफ्रेंड और ब्वॉयफ्रेंड के जैसे हो गए थे.

 

मैंने चाय पीते हुए ही उससे ब्लूफिल्म के बारे में बात करना शुरू की- बड़े बड़े क्या थे?
वह सकपका गई और इधर उधर देख कर बोली- बड़े बड़े तो दोनों तरफ के थे.

 

मैंने कहा- तुमको किसके पसंद आए.
वह आंख दबा कर बोली- काले कलूटे के.

 

मैंने समझ लिया कि इसको मिया खलीफा के दूध से ज्यादा नीग्रो के लंड पसंद आए.

 

तो मैंने कहा- जिनके पास दो दो बड़े बड़े थे उसके पसंद नहीं आए?
वह बोली- वैसे दो तो मेरे पास भी हैं.

 

मैंने कहा- अच्छा, मुझे तो वही पसंद आते हैं.
वह हंसी और बोली- मेरे पास हैं न!

 

मैंने कहा- क्या मुझे मिल सकते हैं?
वह हंसने लगी और बोली- हां क्यों नहीं!

 

अब मामला साफ हो गया था कि वह मुझे अपने दूध देने को राजी दिख रही थी.
मैंने अपने फोन में अब बहुत सारी पोर्न मूवी लोड कर लीं.

 

दोस्तो, अक्सर गांव में सुबह का खाना खाने के बाद सब खेतों में चले जाते हैं.
हमारे घर भी ऐसा ही था.

 

उस दिन दोपहर में घर पर कोई नहीं था.
मैं खाना खाने के बाद उसके आने का इंतजार करने लगा.

 

वह बर्तन धो कर 12 बजे आई.
उसने लैगी और टी-शर्ट पहनी हुई थी.

 

उसकी टी-शर्ट से उसके दूध बड़े तने हुए दिख रहे थे और वह बर्तन धोते समय अपनी टी-शर्ट को कुछ भिगो लाई थी, जिस वजह से उसके दूध और ज्यादा मस्त लग रहे थे.

 

नेहा मेरे पास आकर इठलाती हुई बोली- वह बड़े बड़े वाली लोड हो गई है?
मैंने कहा- हां बैठो. तुम्हारे लिए बड़े बड़े लंड वाली फिल्म लोड कर दी है.

 

वह लंड शब्द सुनकर शर्मा गई.

 

मैंने पूछा- क्या हुआ?
वह कुछ नहीं बोली.

 

मैंने कहा- लंड शब्द सुनकर शर्म आ गई है क्या?
वह बोली- हां.

 

मैंने कहा- बड़े बड़े लंड से बड़े बड़े दूध वाली लड़की की चुदाई देखना अच्छा लगता है और लंड चुत चुदाई वाले शब्द सुनना अच्छे नहीं लगते?
वह सर झुका कर बोली- मुझे शर्म आती है भैया!

 

मैंने उसे बगल में बिठाया तो वह चुपचाप बैठ गई.
मैंने कहा- मेरे साथ बैठ कर ब्लू फिल्म देखोगी तो शर्म भी खत्म हो जाएगी.

 

वह कुछ नहीं बोली.
अब मैंने फोन में ब्लू फिल्म चालू कर दी.

 

फिल्म में हीरो आया और पोर्न एक्ट्रेस के कपड़े निकालने लगा.

 

मिया खलीफा के बड़े बड़े दूध देख कर नेहा की सांसें तेज होने लगीं.

 

मैंने कहा- दरवाजा बंद कर आ!
वह गई और दरवाजा बंद करके आ गई.

 

वह मेरे पास होकर बैठ गई.
अब हम दोनों की बॉडी गर्म होने लगी, सांसें तेज हो गईं.

 

मैंने मोबाइल उसके हाथ में दे दिया और उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे धीरे से अपने पास खींचा.

 

वह खुद ही मुझसे चिपकना चाह रही थी इसलिए मुझे लगा कि वह खुद ही मेरे पास सट गई.
मैंने जल्द ही उसको अपनी एक जांघ पर बैठा लिया.

 

वह फोन में नजरें गड़ा कर हर शॉट को महसूस कर रही थी.

 

मैं नेहा की लैगी के ऊपर से ही उसकी जांघों को सहलाने लगा.
उसने कोई विरोध नहीं किया.

 

फिर मैं अपने एक हाथ को उसकी पैंटी के अन्दर डालने लगा.

 

उसने खुद से अपनी टांगें फैला कर चौड़ी कर दीं.
मैं अपनी उंगलियों से उसकी बुर सहलाने लगा.
उसकी चुत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.

 

मैंने एक उंगली उसकी बुर में डाल दी.
वह मेरी मदहोश होने लगी.

 

मैं अपनी बहन की बुर में उंगली अन्दर बाहर करता रहा और बहन की चुत ने पानी छोड़ दिया.

 

जैसे ही उसकी चुत ने पानी छोड़ा तो उसने मेरे हाथ को निकालने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ा दिया.

 

मैंने अपना हाथ उसकी चुत से निकाला और उंगलियों में लगे चुत के रस को अपने मुँह में लेकर चाटने लगा.
वह मुस्कुरा दी.

 

इस तरह से हम दोनों को फिल्म देखते हुए पूरे 20 मिनट हो गए थे.

 

उसी दरमियान मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया था.
वह मेरे लौड़े को सहलाने लगी थी.

 

अचानक से मैंने उसकी तरफ देखा तो मेरी पोर्न चुदासी नजरों से मुझे देख रही थी.

 

मैंने पूछा- करें?
वह सर हां में हिलाने लगी.

 

अब मैंने उसको बिस्तर पर लिटा दिया और चूची दबाने लगा.
वह भी खुल कर मजे लेने लगी.

 

मैंने उसकी लैगी को पैंटी समेत निकाल कर अलग कर दिया और उसकी हल्की झांटों वाली बुर पर जीभ लगा कर फांकों को चूसने लगा.

 

वह भी मेरा सिर बुर में दबा कर नीचे से गांड उठाने लगी.
वह अपनी बुर उठा कर मेरे मुँह में देने लगी.

 

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.

 

मैंने पोज बनाया और अपना लंड उसकी बुर में घिसने लगा.
उसकी बुर गुलाबी थी और हल्की हल्की रस छोड़ रही थी.

 

कुछ पल बाद उसने खुद अपने हाथ से लंड पकड़ा और अपनी बुर के छेद में सैट करके घिसने लगी.

 

मैंने सुपारे में चुत की गर्मी महसूस की तो रुका न गया.
मैंने दाब दे दी.

 

अभी हल्का सा झटका ही दिया था कि मेरा लंड दो इंच करीब अन्दर घुस गया.
वह ‘आह्ह्ह रुको …’ की आवाज करने लगी.

 

मैं रुक गया. एक मिनट के बाद मैंने बिना रुके लंड को Xxx सिस्टर की चुत की जड़ तक पेल दिया.

 

नेहा ‘आह मां मर गई’ बोल कर उछल पड़ी.
मेरा लंड बाहर आ गया.

 

उसकी बुर से खून आने लगा.
एक मिनट के बाद मैंने फिर से लंड बुर में घुसेड़ दिया.

 

अब नेहा भी पूरा साथ देने लगी.
उसकी बुर खुल गई थी.

 

धकापेल चुदाई होने लगी.
पांच मिनट के बाद मैं उसकी बुर में झड़ गया.

 

वह भी निढाल हो गई.
कुछ मिनट के बाद जैसे ही मेरा लंड कड़क हुआ, मैंने नेहा को फिर से चोदना चालू कर दिया.

 

इस बार मैंने उसको 20 मिनट तक चोदा.
फिर हम दोनों का एक साथ स्खलन हो गया.

 

हम दोनों नंगे ही चिपक कर लेटे रहे.

 

अब दोपहर के 2 बज गए थे.
नेहा बोली- भैया कपड़े पहन लेती हूँ. नहीं तो कोई आ जाएगा.

 

मैं उठा और नेहा की पैंटी से उसकी बुर को साफ किया.
मेरी पोर्न सिस्टर की बुर फूल गई थी.

 

फिर उसने कपड़े पहने और मुझे एक जोरदार किस करके बोली- मेरे भैया मेरे सैंया बन गए.

 

दोस्तो, कैसी लगी मेरी पोर्न सिस्टर Xxx स्टोरी, अपनी राय अवश्य दें.
अगली बार में मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी बहन को खेत में पेला.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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